ज़िद, गुस्सा, गलती, लालच और अपमान…

सुविचार…✍

ज़िद, गुस्सा, गलती, लालच और अपमान

खर्राटों की तरह होते हैं,
जो दूसरा करे, तो चुभते हैं

परन्तु स्वयं करें तो
एहसास तक नहीं होता।

🐚☀🐚
🐾शुभ प्रभात🐾

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