सुविचार – कितना भी समेट लो हाथों से…

सुविचार…✍

कितना भी समेट लो हाथों से
फिसलता ज़रूर है

ये वक्त है…
बदलता ज़रूर है।

🐚☀🐚
🐾शुभ प्रभात🐾

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