शायद जिन्दगी भी कुछ चाय जैसी…

सुविचार…✍

शायद जिन्दगी भी कुछ
चाय जैसी हो गई है।

उबलते-उबलते कब…
कड़वी हो गई पता ही नहीं चला।

🐚☀🐚
🐾शुभ प्रभात🐾

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